Thursday, January 26, 2017
Monday, January 23, 2017
Monday, January 16, 2017
From the Film - Shor (1972)
एक प्यार का नगमा है,
मौजो की रवानी है
जिन्दगी और कुछ भी नहीं,
तेरी मेरी कहानी है
कुछ पाकर खोना है,
कुछ खोकर पाना है
जीवन का मतलब तो,
आना और जाना है
दो पल के जीवन से
एक उम्र चुरानी है
जिन्दगी और कुछ भी नहीं,
तेरी मेरी कहानी है
तू धार है नदिया की,
मैं तेरा किनारा हूँ
तू मेरा सहारा है,
मैं तेरा सहारा हूँ
आँखों में समंदर है,
आशाओं का पानी है
जिन्दगी और कुछ भी नहीं,
तेरी मेरी कहानी है
तूफ़ान तो आना है,
आ कर चले जाना है
बादल है ये कुछ पल का,
छा कर ढल जाना है
परछईयाँ रह जाती,
रह जाती निशानी है
जिन्दगी और कुछ भी नहीं,
तेरी मेरी कहानी है
Why Do I Write ?
Why do i write ?
Because I believe that my worthless existence could have some value to someone, at sometime, somewhere.
And also because my inflated ego believes it has something important to say.
Friday, January 06, 2017
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